इस्लाम के मूल मूल्य परंपरा में अहिंसक कार्रवाई की नींव रखते हैं। अल्लाह हिंसक गतिविधि का दुरुपयोग करता है।
कुरान और सुन्नत (पैगंबर के कर्म और कर्म) का एक अध्ययन हमें बताता है कि इस्लाम एक धर्म है जो अहिंसा सिखाता है। कुरान के अनुसार, अल्लाह हिंसा (फ़साद) को मंजूरी नहीं देता है। हम कुरान से सीखते हैं कि फ़साद वह क्रिया है जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक व्यवस्था बाधित होती है, जिससे जान-माल की हानि होती है। इससे पता चलता है कि अल्लाह अहिंसा का पालन करता है।