शाकाहार V /S मांसाहारSource: -प .पू उदयवल्लभ सूरीश्वरजी म .सा .

शाकाहार V /S मांसाहारSource: -प .पू उदयवल्लभ सूरीश्वरजी म .सा .

शाकाहार V /S मांसाहारSource: -प .पू उदयवल्लभ सूरीश्वरजी म .सा .

मांसाहारी प्राणीओके दांत तीक्ष्ण होते है और पंजा तीक्ष्ण नाखून वाले जब शाकाहारी प्राणीओ के दांत और नाखून तीक्ष्ण नहीं होते । मांसाहारी प्राणीओका जड़बा ऊपर और नीचेही चलता है जब शाकाहारी प्राणीओका जड़बा चारो और चलता है। मां .प्रा .की जीभ कठोर होती है और वह जीभ से पानी पीते है । शा .प्रा की जीभ चिपचिपा रेह्ती है और वह पानी होठ से पीते है । मां .प्रा .पाचनतंत्रमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड का प्रमाण शा .प्रा से दस गुना ज्यादा रेहता है । मां .प्रा .का कफ एसीडिक होता है शा .प्रा का कार्बोहाइड्रेटस पाचन हो जाये वेसा रसायनयुक्त होता है । मां .प्रा की आंख रात को चमकती है जब शा .प्रा .आंख दिनमें ही देख सकती है । मां .प्रा .का आवाज कर्कश और भयंकर डरावह रेहता है शा .प्रा का आवाज वेसा नहीं रेहता . मां .प्रा जन्म लेने के बाद सात दिन तक देख नहीं शकते सात दिन बाद उनकी दृष्टि आती है शा .प्रा .को जन्म से ही देखनेकी शक्ति प्राप्त होती है । मानवीकी शरीरकी रचना शा .प्रा से बहुत मिलती है वह पूरवार करती है की मानव कुदरती शाकाहारी है । मां .प्रा के दांत , नाखून और जड़बा आदि मांसाहारको अनुकूल है मांसका आहार आंत में रहे तो वह सड़ जाता है और जीव ले जाये वेसे रोग पेदा होता है मां .प्रा के आंत छोटे होते है लंबे आंत वाले मनुष्यके लिये मांस असाध्य व्याधिओ को आमन्त्रित करने जेसा है । गाय, भेंस भूखे रहेंगे पर कभीभी मांसमें मुंह नहीं डालेंगे किराना और सब्जी देखकर किसीका मुंह नहीं बिगड़ेगा जब नॉनवेजकी दुकान पर मांस देखकर विमुखता , धृणा तिरस्कार कई ढेर सारे लोगोको होगा