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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कार्यवाही करना।
विषय: – कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कार्यवाही करना।
संदर्भ: –
माननीय प्रधान सचिव, ए.पी.सी. विभाग की दिनांक 6-3-2020 को बैठक में हुई चर्चा के अनुसार
उपरोक्त विषय के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि, आयुष निदेशक के कार्यालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, गुजरात सरकार, गाँधीनगर द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के विरुद्ध सुरक्षात्मक उपायों के लिए आयुर्वेद/होम्योपैथी से सम्बंधित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जो इस पत्र के साथ संलग्न हैं। तदानुसार, इन सुरक्षात्मक उपायों को अधिकतम लोगों तक पहुँचाने के लिए, जन जागरूकता अभियानों, राहत शिविरों, स्कूलों, कॉलेजों आदि का दौरा कर कार्यवाही करने की आवश्यकता है। तथा की गई कार्यवाहियों की दैनिक रिपोर्ट नियंत्रण अधिकारी को प्रतिदिन प्रदान करनी होगी।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह सरकारी काम सुचारू रूप से हो रहा है नियंत्रण अधिकारी को गहन पर्यवेक्षण और निगरानी करनी होगी और दैनिक काम-काज की रिपोर्ट आयुष निदेशक को cmdashboard.ayush@gmail.com पर मेल से भेजनी होगी।
नियामक आयुष गुजरात राज्य, गाँधीनगर
प्रति
इस कार्यालय के अंतर्गत सभी कार्यालयों के प्रमुख (सभी)
नक़ल सविनय भेजने की जानकारी: –
माननीय प्रधान सचिव, स्वास्थ्य और परिवहन कल्याण विभाग, नया सचिवालय गांधीनगर
आयुष निदेशक कार्यालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, गुजरात सरकार
-: कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षात्मक उपचार: –
आयुर्वेद पद्धति द्वारा सुरक्षात्मक उपचार:
1. क्वाथ: पथ्यादिक्वाथ+ दशमूल क्वाथ + निम्बकत्व: प्रक्षेप त्रिकटु
2. तुलसी के रस के दो चम्मच में दो काली मिर्च का पाउडर डालें और इसे सुबह शाम लें।
3. औषधियुक्त जल: सोंठ 1 चम्मच और दालचीनी एक चम्मच (या सोंठ के दो चम्मच) को 10 गिलास पानी में हल्की आँच पर तबतक उबालें जब तक कि वह 5 गिलास रह जाए। आवश्यकतानुसार गुनगुना करके पियें।
4. धूप: सालई गूगल 50 ग्राम, सहिजन – 10 ग्राम, सरसों – 10 ग्राम, नीम का पत्ता – 10 ग्राम और गाय का घी – 20 ग्राम का मिश्रण बना लें। और 1 चम्मच मिश्रण को इलेक्ट्रिक धूप में या गाय के गोबर से बने हुए सूखे उपले पर सूर्योदय और सूर्यास्त में धूप करें।
होम्योपैथी से संबंधित सुरक्षात्मक उपाय: –
– आर्सेनिक एल्बम 30 पोटेंसी की चार गोलियाँ शाम को तीन से सात दिन तक लें
– यदि वायरस का संक्रमण फैला होने का पता लगे, तो इसे एक महीने के बाद फिर से लें
आहार-विहार संबंधी सुझाव
आहार: –
– घर का बना, आसानी से पचने वाला, हल्का गर्म भोजन खायें
– बासी भोजन, किण्वित उत्पाद, मैदे से बनी वस्तुयें, दही, दूध के उत्पाद, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज का पानी न लें।
– विपरीत आहार का सेवन न करें। साथ ही फ्रिज में रखी हुई कोई भी वस्तु न खायें
– मग, दाल और चने का गर्म सूप पियें
– सब्जियों में, करेला, कच्ची मूली, लौकी, कद्दू, करी पत्ता, अदरक, हल्दी, लहसुन लें।
– पचने में भारी और चिकनाई वाली सब्जियां न खायें।
– फलों में पपीता, अनार और आँवला जैसे फल लें।
– पाणी आधा उबालकर आराम से पियें या सोंठ डालकर उबाला हुआ पानी पियें।
– अंडे और मांसाहार का त्याग करें।
विहार: –
– आसपास के, घर की और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना चाहिए।
– भीड़ वाली जगहों पर न जायें। डिस्पोज़ेबल मास्क पहनने का खास ध्यान रखें।
– हाथ की विशेष सफाई करना, आँख, नाक और मुँह को अनावश्यक बार-बार न छुयें।
– सर्दी, खांसी के मरीजों से दूरी बनाए रखें।
– विष्णुसहस्त्र मंत्र या अन्य मंत्रों का जाप करना। थोड़ा प्राणायाम और व्यायाम करना।
– एक समय भोजन – दिन में एक बार ही भोजन करना। सूर्यास्त से पहले हल्का भोजन करें।
– भोजन के तुरंत बाद फिर से कुछ और न खायें।
– दिन के समय खासकर भोजन लेने के बाद न सोयें। साथ ही देर रात तक न जागें।
– हल्दी नमक वाले गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
– सुबह के समय नाक में तिल के तेल की दो बूंदें डालें। और दोनों नथुने पर उँगलियों से लगायें।
– शाम के समय घर में (सलाई गुगल, सहिजन, सरसों, नीम के पत्तों और गाय के घी) का धुआँ करें।
– उबलते पानी में अजवाइन डालकर भाप लें।